आकाश इंस्टीट्यूट का नवाचार, आकाश टॉक्स प्रोग्राम और 24/7 हेल्पलाईन डिपार्टमेंट की लांचिंग
आकाश इंस्टीट्यूट कोटा में अब प्रत्येक शनिवार सुबह 10 से 11 बजे कोटा में अध्ययनरत स्टूडेंट्स के अभिभावक कोचिंग एक्सपर्ट से अपने मन की बात कर सकेंगे। इसके माध्यम से अभिभावक अपने बच्चों की क्लास में चल रही शैक्षिक गतिविधियों, आसपास के वातावरण और अपने मन में चल रहे विचारों को एक्सपर्ट के साथ साझा कर सकेंगे।
शनिवार को कोटा में अपना आकाश सेंटर के रीजनल डायरेक्टर अखिलेश दीक्षित ने आकाश टॉक्स प्रोग्राम की लोचिंग की। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस नवाचार के बारे में बताते हुए कहा कि यह प्रोग्राम ऑपन टू ऑल होगा, जिसमें अन्य संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावक भी शामिल हो सकेंगे। यह सेशन हर शनिवार को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक चलेगा। इस प्रोग्राम में अभिभावक अपने मन की बात के साथ साथ बच्चों के लिए बेहतर कॅरियर काउंसलिंग के साथ ही बेहतर भविष्य के लिए वो यहां एक्सपर्ट से राय लेने के साथ ही सार्थक विश्लेषण कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशभर से कोटा आने वाले ज्यादातर बच्चे और उनके अभिभावक पूरी तरह से रिसर्च करके नहीं आते कि उन्हें नीट लेनी है या फिर आईआईटी। इसके बारे मंे जितनी जांच पड़ताल होनी चाहिए उतनी नहीं होती। जिसकी वजह से भी कई बार स्टूडेंट लम्बे समय तक अच्छी तरह से खुद पर भरोसा नहीं रख पाते और दबाव में बिखर जाते हैं !
शुरू किया हेल्पलाईन डिपार्टमेंट, पूरे सप्ताह 24 घंटे मिलेगी सेवाएं !
इसी के साथ आकाश इंस्टीट्यूट द्वारा अपने दूसरे नवाचार की भी लोंचिंग की, उन्होंने बताया कि आकाश इंस्टीट्यूट द्वारा कोटा सेंटर मे अध्ययनरत बच्चों की मदद के लिए हेल्पलाईन डिपार्टमेंट शुरू किया है। इसमें चार जनों को नियुक्त किया है। इन सभी के नाम और कॉन्टेक्ट नंबर हर क्लासरूम में डिस्प्ले कर दिये हैं, साथ ही हेल्पलाईन डिपार्टमेंट के लिए अलग से फंड भी दे दिया गया है। हेल्पलाईन डिपार्टमेंट पूरे सप्ताह 24 घंटे काम करेगा। इस हेल्पलाईन के लोग बच्चों तीन चीजों पर मदद करेंगे, जिसमें डाउट क्लीयर करने में मदद, बच्चों के रिवीजन रिक्वायरमेंट में मदद करने, बच्चे की मांग के अनुरूप टॉपिक बार बार पढ़वाने के लिए टीचर से बात करवाने और मानसिक समस्याओं की परेशानी में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि आकाश द्वारा हेल्पलाईन डिपार्टमेंट को अन्य दूसरे डिपार्टमेंट की तरह ही मजबूत बनाया गया है, इसके लिए अलग से फंड भी जारी कर दिया गया है। ताकि कभी इमरजेंसी में फंड की जरूरत पड़ने पर समय खराब नहीं हो। उन्होंने कहा कि कोटा शहर के लिए ये हेल्पलाईन डिपार्टमेंट का नवाचार मील का पत्थर साबित होगा और इसके आने वाले समय मंे सार्थक रूप से दूरगामी परिणाम भी नजर आएंगे।
एडमिशन के दौरान स्टूडेंट की कैरियर काउंसलिंग महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि इस प्लेटफ़ार्म के माध्यम से कोई भी माता पिता, उनके बच्चे कहीं भी पढ़ रहे हों, एक्सपर्ट से काउंसिलिंग करवा सकते हैं ! यदि ये काउंसिल पहले हो जाये तो कक्षा 11 में कौन से सब्जेक्ट बेहतर रहेंगे इसकी पड़ताल अच्छी तरह हो जायेगी ! यदि कोचिंग में एडमिशन से पहले माता-पिता बच्चे की काउंसिलिंग करवा लें, तो बच्चा अपने निर्णय पर न सिर्फ़ डटकर टिका रहेगा बल्कि राष्ट्रीय स्तर के दबाव को बड़ी आसानी से मैनेज कर सकेगा !
छात्रों की सफलता और अच्छे वातावरण में मददगार होगा !
अपना आकाश सेंटर के रीजनल डायरेक्टर अखिलेश दीक्षित ने कहा कि कोटा आने वाले बच्चों के कई अभिभावक साल में तीन से चार बार ही बच्चों से मिलने आते हैं, जिससे उन्हें उनके बारे में कुछ पता नहीं चलता कि क्लास में क्या चल रहा है या वो किस वातावरण में रह रहा है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभिभावक ऑनलाईन और ऑफलाईन दोनों मोड के माध्यम से टीचर और एक्सपर्ट से लगातार हर हफ़्ते संपर्क में रहेंगे। उन्होंने कहा कि आकाश इंस्टीट्यूट कोटा के इस नवाचार के दूरगामी परिणाम आएंगे और दुर्घटनाओं में कहीं ना कहीं बहुत हद तक कमी आएगी।
अभिभावकों के जुड़ने से आएंगे सकारात्मक परिणाम !
आकाश इंस्टीट्यूट के कोटा रीजनल डायरेक्टर अखिलेश दीक्षित ने बताया कि मेरे मन में पिछले डेढ़ दो वर्षों से एक बात चल रही थी, जिसे मैंने अपने फैकल्टी मित्रों से शेयर किया कि कितने प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों की फैकल्टी से लगातार जुड़े रहते हैं, सभी का उत्तर लगभग एक जैसा ही था कि 5 से 10 प्रतिशत अभिभावक ही बच्चों के टीचर से लगातार जुड़े रहते हैं।
उन्होंने कहा कि एक बच्चे की सफलता में चार फेक्टर स्टूडेंट, टीचर, अभिभावक और वातावरण होते हैं। वर्तमान में देशभर में कोटा की पहचान बनाने में दो फैक्टर जिसमें स्टूडेंट और टीचर शामिल रहे हैं। अब आकाश कोटा ने इसमें दो कारकों को जिनमें अभिभावक और वातावरण दोनों को भी शामिल किया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अभिभावक का बच्चों की सफलता मंे महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन अभी अभिभावक बच्चों के कोचिंग मंे आखिर चल क्या रहा है, उससे काफ़ी हद तक अनजान रहते हैं, यदि पेरेन्ट्स टीचर के संपर्क में लगातार रहेंगे तो उनमें जागरूकता आएगी और वातावरण में से नेगेटिव इंम्पेक्ट लगभग समाप्त हो जाएगा।